Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
कुणाल घोष ने इसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के खिलाफ बताया है
कोलकाता। महालया की सुबह आरजी कर कांड की पीड़िता 'अभया' की प्रतिमा का अनावरण अस्पताल परिसर में किया गया। तृणमूल कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सांसद कुणाल घोष ने इसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के खिलाफ बताया। कुणाल का कहना है कि पीड़िता की तस्वीर या मूर्ति को लेकर देश में गाइडलाईन हैं और इस प्रकार की पीड़ादायक प्रतिमा नहीं लगाई जानी चाहिए।
आर जी कर अस्पताल की युवा महिला डॉक्टर के साथ कार्यस्थल पर दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई थी। इस जघन्य घटना के खिलाफ पूरे राज्य और देश में जबरदस्त आक्रोश फैला, यहां तक कि विदेशों में भी इसका विरोध हुआ। इस घटना को हमेशा याद रखने और पीड़िता को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके सहकर्मियों की तरफ से आरजी कर परिसर में ‘अभया’ की प्रतिमा लगाने का निर्णय लिया गया। यह प्रतिमा पीड़िता के साथ हुए अमानवीय अत्याचार को दर्शाती है, जिसे महालया की सुबह अनावरण किया गया। लेकिन कुणाल घोष ने इसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के खिलाफ बताया है।
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर लिखा, "तिलोत्तमा के नाम पर लगाई गई यह प्रतिमा सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की भावना के विपरीत है। कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति ऐसा नहीं कर सकता, यहां तक कि कला के नाम पर भी नहीं। विरोध और न्याय की मांग जरूर होनी चाहिए, लेकिन लड़की की पीड़ा को चेहरे पर दर्शाने वाली प्रतिमा सही नहीं है। देश में पीड़िता की तस्वीर और प्रतिमा को लेकर गाइडलाइन्स हैं।"
इसके साथ ही, महालया की सुबह नागरिक समाज द्वारा आयोजित विरोध कार्यक्रम पर भी कुणाल ने कटाक्ष किया। उन्होंने लिखा, "बनतला, धानतला, कूचबिहार जैसे कई मामलों में दुष्कर्म और हत्या के दोषियों के समर्थक (वाम दलों के नेता) आज खुद को संत बनाकर न्याय की मांग के बहाने राजनीतिक अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। ये लोग महालया पर बिरेन बाबू की आवाज नहीं सुनते और सुशांत के वीडियो से पूजा के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करते हैं।" अंत में उन्होंने व्यंग्य करते हुए लिखा, "इनकी माया भरी पोस्टों के पीछे राजनीतिक भूख छिपी है।"